
तबियत गदगद हो गयी श्याम बाबू! जब कोई इस तरह से फ़िल्म की तारीफ करे - तो अच्छा तो लगेगा ही. दामले जी चित्रकार हैं. जे जे स्कूल ऑफ़ आर्ट मैं आर्ट का इतिहास पढ़ाते हैं. हिन्दी सिनेमा मैं बढ़ते पश्चिमी प्रभाव से दुखी भी. हाँ - ये है फ्रेश फ़िल्म आज कल के समय की. पुरी तरह से भारतीय. थोड़े खुले दिमाग की. बिना अश्लीलता के - समझदार दर्शकों के लिए. फ़िल्म मैं रवि झाँकल ने मुन्नीबाई का काम कमाल किया है. 'वे straight हैं न ?' मेरे एक कन्या मित्र ने पूछ लिया था . श्याम बेनेगल के साथ मैंने 'हरी भरी' मैं काम किया था इस लिए इस फ़िल्म से एक विशेष स्नेह हो गया. सभी बधाई के पात्र हैं. पर बधाई मार्केटिंग टीम को भी- जिसने इसे लोगो तक पंहुचाया...
2 comments:
' i have seen this film and it is worth watrching it, very interesting and enjoyable film'
regards
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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते॥
शारदीय नवरात्र में माँ दुर्गा की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों। हार्दिक शुभकामना!
(हिन्दुस्तानी एकेडेमी)
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