Thursday, September 25, 2008

चिठ्ठाजगत खोल के बैठ जाता हूँ


सुबह सुबह अखबार की जगह चिठ्ठाजगत खोल के बैठ जाता हूँ.
अब अखबार पढ़ने की जरुरत महसोस नही होती.
कोई के अख़बार पढ़ने मैं क्या है
कौन सी फ़िल्म आ रही है.
किस फ़िल्म का प्रमोशन चल रहा है
ऋषि कपूर रणबीर के बाप का रोल करना चाह रहे हैं
प्रीटी जिनता वगैरह पुराणी नायिकाओं को श्रद्धांजलि देने वाली हैं.
उफ
-चलो अब मिला कुछ नया!

ब्लॉग के बारे मैं कई ओब्सेर्वेशन हुए हैं
जैसे -
आप जो सोचते हैं - जैसा जीते हैं
वैसा ही आपका ब्लॉग होगा
लंबे समय तक झूठा ब्लॉग नही कर सकते आप.

मेरी कोशिश है कि- मैं अपने पसंद कि चीजों को शेयर करूँ -
बस इसी भरोसे कर रहा हूँ- ब्लोगिंग .

पहले कमेंट्स कि तलाश मैं रहता था
अब आस छोड़ दिया है
लोग आते हैं
इतने से ही संतुष्ट हूँ

उम्मीद है सही जा रहा हूँ

अगले हफ्ते महीने भर के टूर पर जा रहा हूँ
शायद रेगुलर लिखना नही हो पायेगा
पर लौट के batunga

एक विनम्र सुझाव है-
आप यदि अपने आस पास के जीवन और जगहों के बारे मैं लिखें तो और बेहतर होगा
बड़े शहरों के बारे पढ़ने को ज्यादा कुछ नही रहता.

4 comments:

Unknown said...

sahi ja rahe ho guru.

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

शुभ-यात्रा। लैटकर आइए, यात्रा वृत्तान्त की प्रतीक्षा रहेगी।

संगीता पुरी said...

आपका इंतजार रहेगा .

mamta said...

आपकी यात्रा शुभ हो ।
लौटकर यात्रा विवरण जरुर लिखियेगा।